स्वागत नववर्ष तुम्हारा है
स्वागत नववर्ष तुम्हारा है।
तू ही सबकी आँखो मे,
तू ही आँखो का तारा है।
जीत के जश्न मे भी जो पीछे,
खडे है कुछ शरमाये से ।
जिनको सबने नाकारा समझा,
वो खडे है कुछ कतराये से।
जो गाते है पर कंठ मे जिनके,
स्वर है कुछ भर्राये से।
जो बिखर चुके है टूट टूट कर,
और दर्द को है अपनाये से ।
उनको भी मुस्कान मिले,
यह कर्तव्य तुम्हारा है ।
इस ठंडक मे जो बेचारे,
बस सिर्फ कांपते रहते है।
गीली लकडी को सुलगाकर,
जो सिर्फ तापते रहते है।
वो लोग भी तेरे स्वागत मे,
रातो को जागते रहते है।
आँखो मे उम्मीद लिये,
बस तुम्हे ताकते रहते है।
उनको भी कुछ मिले रोशनी,
जिनके चहुदिश अंधियारा है
स्वागत नववर्ष तुम्हारा है
-------विजय वर्मा
०१-०१-२०१५
तू ही सबकी आँखो मे,
तू ही आँखो का तारा है।
जीत के जश्न मे भी जो पीछे,
खडे है कुछ शरमाये से ।
जिनको सबने नाकारा समझा,
वो खडे है कुछ कतराये से।
जो गाते है पर कंठ मे जिनके,
स्वर है कुछ भर्राये से।
जो बिखर चुके है टूट टूट कर,
और दर्द को है अपनाये से ।
उनको भी मुस्कान मिले,
यह कर्तव्य तुम्हारा है ।
इस ठंडक मे जो बेचारे,
बस सिर्फ कांपते रहते है।
गीली लकडी को सुलगाकर,
जो सिर्फ तापते रहते है।
वो लोग भी तेरे स्वागत मे,
रातो को जागते रहते है।
आँखो मे उम्मीद लिये,
बस तुम्हे ताकते रहते है।
उनको भी कुछ मिले रोशनी,
जिनके चहुदिश अंधियारा है
स्वागत नववर्ष तुम्हारा है
-------विजय वर्मा
०१-०१-२०१५
स्वागत नववर्ष तुम्हारा है
Reviewed by VIJAY KUMAR VERMA
on
8:04 PM
Rating:
वाह लाजवाब भाव ..
ReplyDeleteनव वर्ष मंगलमय हो ...