चाँद रूठा रहा जाने किस बात पर

चाँद रूठा रहा जाने किस बात पर ;
चांदनी के बिना रात रोती रही /
भीगा तन भीगा मन ,भीगा सारा जहाँ ;
आँखों से ऐसी ,बरसात होती रही /
ऐसे बादल उड़े ,जैसे आँचल कोई ;
जिन्दगी मन में ,जज्बात बोती रही /
शर्म से जिसके लव न खुले थे कभी ;
रात भर उनसे ही ,बात होती रही /
स्याह माहोल में ,जब धरा -नभ मिले ;
दिल से दिल की ,मुलाकात होती रही /
विजय कुमार वर्मा
इलाहबाद
२६-०१-१९९८
चाँद रूठा रहा जाने किस बात पर
Reviewed by VIJAY KUMAR VERMA
on
9:18 AM
Rating:

शर्म से जिसके लव न खुले थे कभी ;
ReplyDeleteरात भर उनसे ही ,बात होती रही /
waah! mazaa aa gaya, bakee ka bhee hissa kafee achchha hai
बहुत अच्छी गज़ल.
ReplyDelete"शर्म से जिसके लव न खुले थे कभी ;
रात भर उनसे ही ,बात होती रही"
वाह.
(कमेन्टस से वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें.)
khoobsoorat !!!! bahut khoobsoorat!!!!!
ReplyDeletethnx for visiting my blog.
MAR LIYA MAIDAN
ReplyDeleteCHALKA DIYA PAIMANA
SARM SE LAB KUKLE NA KHULE
LIKIN BAT TO AISE HE CHLTI RAHE
.................AMEIN
चाँद रूठा रहा जाने किस बात पर ;
ReplyDeleteचांदनी के बिना रात रोती रही /
भीगा तन भीगा मन ,भीगा सारा जहाँ ;
आँखों से ऐसी ,बरसात होती रही /
ऐसे बादल उड़े ,जैसे आँचल कोई ;
जिन्दगी मन में ,जज्बात बोती रही /
शर्म से जिसके लव न खुले थे कभी ;
रात भर उनसे ही ,बात होती रही /
wah bahut khoob her sher umda hai ji..
badhai swikaren..
man jaise khud se hi baaten karta hai ...achchhee abhivyakti hai ...kalam jaise sare bhed khol detee hai ...
ReplyDeleteग़ज़ल में जिन तत्वों का होना जरूरी होता है , याने भाव, शब्द, लय वो आपकी इस ग़ज़ल में भरपूर है...हर शेर बहुत करीने से कहा गया है जो दर्शाता है के आपमें ग़ज़ल लिखने का हुनर बहुत खूब है...लिखते रहें...आज आपके ब्लॉग पर पहली बार आ कर दिल खुश हो गया...अब बार बार आना होता रहेगा...आप लिखते रहें...और हाँ इस ग़ज़ल के लिए मेरी बधाई भी स्वीकार करें...
ReplyDeleteनीरज
Vijai bhai..
ReplyDeleteWah.. Bahut sundar..
Deepak..
Sundar gajal..badhai..
ReplyDeleteBahut sundar poem hai :)..lovely:)
ReplyDeletebhai bahut acchi rachna hai...
ReplyDeleteविजय भाई, आनंद आ गया। बधाई स्वीकारें।
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खूबसूरत नज़्म
ReplyDeleteबेमिसाल शब्द-चयन ,पूरे मन से निकली गज़ल.बधाई....
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ...
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