कह नही पाता
ना जब तक देख लू तुमको चैन से रह नही पाता
मै दारिया हूँ मगर मर्जी से अपने बह नही पाता
कैसी उ़लझन में उलझा हूँ भला ये तुम क्या जानोगे
तुम्ही को चाहता हूँ और तुमसे कह नही पाता
विजय कुमार वर्मा
जुलाई 2009
कह नही पाता
Reviewed by VIJAY KUMAR VERMA
on
11:35 PM
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kya kahein sir.....
ReplyDeletekaha bhi naa jaye,kahe bina raha bhi naa jaaye.......mohabbat cheez hi aisi hai!