पहले कभी ना था
ये दिन जितना सुहाना आजकल पहले कभी ना था
ये मौसम आशिकाना आजकल पहले कभी ना था
तेरे आने का असर है या मुझे यूँ ही लगता है
ये दिल जितना दीवाना आजकल पहले कभी ना था
विजय कुमार वर्मा
जुलाई 2009
ये मौसम आशिकाना आजकल पहले कभी ना था
तेरे आने का असर है या मुझे यूँ ही लगता है
ये दिल जितना दीवाना आजकल पहले कभी ना था
विजय कुमार वर्मा
जुलाई 2009
पहले कभी ना था
Reviewed by VIJAY KUMAR VERMA
on
9:08 AM
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Sach kaha ..........
ReplyDeleteUnke ane pe aa jaatihai jo muh par ronak
kahte hain beemar ka haal achha hai
lajawaab likha hai ....... swagat hai aapka
AAPKI KAVITA KA ASAR HAI YE
ReplyDeleteYE BLOG ITNA KHUSHNUMA PAHLE KABHI NA THA.
ACHCHI RACHNA HAI BHAI. LIKHTE RAHO
PRATHAM RACHNA KE SAATH AAPKA BLOG JAGAT MEN SWAGAT HAI.
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Bahut Barhia... aapka swagat hai...isi tarah likhte rahiye
ReplyDeletehttp://hellomithilaa.blogspot.com
Mithilak Gap ...Maithili Me
http://mastgaane.blogspot.com
Manpasand Gaane
http://muskuraahat.blogspot.com
Aapke Bheje Photo
पढ्कर अच्छा लगा.
ReplyDeleteआपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
गुलमोहर का फूल
narayan narayan
ReplyDeleteबहुत ही प्यारे से अहसास को शब्द दिए हैं. जारी रहें.
ReplyDelete---
♫ उल्टा तीर पर पूरे अगस्त भर आज़ादी का जश्न "एक चिट्ठी देश के नाम लिखकर" मनाइए- बस इस अगस्त तक. आपकी चिट्ठी २९ अगस्त ०९ तक हमें आपकी तस्वीर व संक्षिप्त परिचय के साथ भेज दीजिये. [उल्टा तीर] please visit: ultateer.blogspot.com/